मानसिक स्वास्थ्य एवं आत्महत्या - सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक विश्लेषण
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https://doi.org/10.71126/nijms.v1i4.35Keywords:
मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ, आत्महत्या, समाज, मनोवैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य, तनाव, अवसादAbstract
मानसिक स्वास्थ्य व्यक्ति के संपूर्ण जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जोकि उसके विचार, भावनाएँ एवं व्यवहार को प्रभावित करता है। मानसिक स्वास्थ्य स्थिति संतुलित होने पर व्यक्ति जीवन की चुनौतियों का सामना बेहतर ढंग से कर पाता है, जबकि मानसिक विकार उसे अवसाद, चिंता एवं 'आत्मघाती प्रवृत्ति की ओर धकेल सकते है। हाल के वर्षों में आत्महत्या की घटनाओं में वृद्धि 'मानसिक स्वास्थ्य संकट की गंभीरता को दर्शाती है। मानसिक स्वास्थ्य एवं ‘आत्महत्या’ के बीच गहरा संबंध है। अवसाद, तनाव, मानसिक विकार एवं मादक पदार्थों की लत आत्महत्या के प्रमुख कारण है। ‘आर्थिक असुरक्षा, सामाजिक अलगाव, पारिवारिक समस्याएँ एवं कार्यस्थल पर उत्पीड़न’ जैसे सामाजिक कारक आत्महत्या की संभावना को बढ़ाते हैं। वहीं बचपन में आधात, कम आत्म-सम्मान एवं निराशा जैसी मनोवैज्ञानिक स्थितियाँ व्यक्ति को आत्महत्या के लिए प्रेरित करती है। आत्महत्या न केवल व्यक्तिगत क्षति है, अपितु परिवार एवं समाज के लिए भी एक भावनात्मक तथा सामाजिक संकट बन जाती है। आत्महत्या के प्रभाव परिवार को भावनात्मक रूप से तोड़ देते हैं तथा समाज में भय एवं असहायता की भावना को जन्म देते हैं। इसके रोकथाम के लिए व्यक्तिगत, सामाजिक एवं सरकारी स्तर पर प्रयास आवश्यक है। अतः इस शोध पत्र का मुख्य उद्देश्य ‘मानसिक स्वास्थ्य’ व आत्महत्या के बीच संबंध का सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक विश्लेषण करना है। यह अध्ययन आत्महत्या के कारणों, प्रभावों एवं रोकथाम के उपायों को समझने में मदद करेगा।
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