राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में महात्मा गांधी के शैक्षिक विचारों का समावेशन
DOI:
https://doi.org/10.71126/nijms.v2i1.84Abstract
सारांश:
यह शोध-पत्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) में महात्मा गांधी के शैक्षिक दर्शन के सिद्धांतों के समावेशन का विश्लेषण करता है। गांधीजी की 'नई तालीम' या बुनियादी शिक्षा की अवधारणा, जो कार्य-आधारित, मूल्य-संचालित और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाली शिक्षा पर जोर देती है, आज भी प्रासंगिक है। इस अध्ययन का उद्देश्य NEP 2020 के उन प्रावधानों की पहचान और मूल्यांकन करना है जो गांधीवादी विचारों जैसे—मातृभाषा में शिक्षा, व्यावसायिक कौशल, नैतिक विकास और अनुभवात्मक अधिगम (experiential learning) को दर्शाते हैं। यह शोध NEP 2020 के दस्तावेज़ों और गांधीजी के शैक्षिक लेखन के तुलनात्मक विश्लेषण पर आधारित है। प्रमुख निष्कर्ष यह दर्शाते हैं कि NEP 2020 ने गांधीजी के कई प्रमुख विचारों को सैद्धांतिक रूप से अपनाया है, विशेष रूप से कौशल विकास, स्थानीय कलाओं को महत्व देना और शिक्षा को समग्र बनाना। हालाँकि, इन सिद्धांतों के व्यावहारिक कार्यान्वयन में शहरी-ग्रामीण असमानता और आधुनिक तकनीक के साथ गांधीवादी सरलता का संतुलन जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियाँ भी मौजूद हैं। यह अध्ययन इस बात पर प्रकाश डालता है कि यदि गांधीवादी दर्शन को सही भावना के साथ लागू किया जाए, तो NEP 2020 एक आत्मनिर्भर और मूल्य-आधारित समाज के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
मुख्य शब्द: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, महात्मा गांधी, बुनियादी शिक्षा, नैतिक शिक्षा, कार्यप्रधान शिक्षा, आत्मनिर्भरता, मूल्याधारित शिक्षा।
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