पर्यावरण संरक्षण के सन्दर्भ में भारतीय दर्शन
सार
प्रस्तुत शोधपत्र में पर्यावरण संरक्षण के संदर्भ में भारतीय दार्शनिक परंपरा की गहन समीक्षा प्रस्तुत की गई है। वैदिक काल से लेकर आधुनिक युग तक भारतीय दर्शन में प्रकृति और मानव के मध्य सामंजस्यपूर्ण संबंध स्थापित करने के सिद्धांत निहित हैं। इस अध्ययन में वेदों, उपनिषदों, पुराणों, गीता तथा विभिन्न दार्शनिक सम्प्रदायों में वर्णित पर्यावरणीय चेतना का विश्लेषण किया गया है। अनुसंधान पद्धति के रूप में तुलनात्मक अध्ययन, ग्रंथीय समीक्षा तथा विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण अपनाया गया है। निष्कर्षों से स्पष्ट होता है कि भारतीय दर्शन में पंचमहाभूत सिद्धांत, वसुधैव कुटुम्बकम की भावना, अहिंसा का सिद्धांत तथा सर्वे भवन्तु सुखिनः की अवधारणा के माध्यम से एक समग्र पारिस्थितिकी दर्शन प्रस्तुत किया गया है। यह शोध दर्शाता है कि समसामयिक पर्यावरणीय संकट के समाधान में भारतीय दार्शनिक मूल्य अत्यंत प्रासंगिक और उपयोगी हैं।
मुख्य शब्द: पर्यावरण संरक्षण, भारतीय दर्शन, पंचमहाभूत, वैदिक परंपरा, पारिस्थितिकी चेतना, अहिंसा ।
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