योग शिक्षा को बढ़ावा देने में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की भूमिका: 2017 से 2023 तक

लेखक

  • कमलेश सिंह असिस्टेंट प्रोफेसर, शिक्षक-शिक्षा विभाग, बुन्देलखण्ड कॉलेज, झांसी एवं शोध छात्र, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झांसी ##default.groups.name.author##
  • डॉ० बाबूलाल तिवारी पूर्व प्राचार्य, बुन्देलखण्ड कॉलेज, झांसी ##default.groups.name.author##

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https://doi.org/10.71126/nijms.v1i4.43

सार

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा 21 जून को वैश्विक स्तर पर योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी। यह प्रस्ताव 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्तुत किया गया था, जिसे 177 सदस्य देशों के समर्थन से 11 दिसंबर 2014 को पारित किया गया ।यह दिवस न केवल योग के शारीरिक और मानसिक लाभों को जनसामान्य तक पहुँचाने का माध्यम बना है, बल्कि योग शिक्षा को संगठित और प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत करने का भी सशक्त मंच सिद्ध हुआ है। प्रस्तुत शोधपत्र 2017 से 2023 तक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अंतर्गत आयोजित गतिविधियों, जनभागीदारी, प्रचार माध्यमों, और शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका का विश्लेषण करता है। इसमें सरकारी और गैर-सरकारी प्रयासों के अंतर्गत चलाए गए योग अभियान, योग शिविर, कार्यशालाएं, प्रतियोगिताएं तथा जन-जागरूकता कार्यक्रमों की समीक्षा की गई है। साथ ही, यह अध्ययन दर्शाता है कि किस प्रकार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ने योग शिक्षा के प्रति विद्यार्थियों, शिक्षकों और आमजन में रुचि उत्पन्न की और इसे औपचारिक शिक्षा प्रणाली का हिस्सा बनाने की दिशा में सार्थक योगदान दिया। यह दिवस योग को केवल शारीरिक व्यायाम के रूप में नहीं, बल्कि समग्र जीवनशैली के एक हिस्से के रूप में स्थापित करने में सहायक रहा है।

संकेत शब्द: योग शिक्षा, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, जन-जागरूकता, स्वास्थ्य, शैक्षणिक संस्थान, योग शिक्षक, डिजिटल मीडिया, वैश्वीकरण, सांस्कृतिक धरोहर, पाठ्यक्रम, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य ।

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प्रकाशित

2025-03-31