भारतीय ज्ञान परम्परा में जीव विज्ञान, विशेषतः महाभारत के आलोक में

लेखक

  • भूप सिंह धामी सहायक प्राध्यापक एवं शोध छात्र (संस्कृत), स्वा0 वि0, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, लोहाघाट, चम्पावत ##default.groups.name.author##

सार

महाभारत केवल एक महाकाव्य नहीं, बल्कि जीव विज्ञान की व्यापक जानकारी का भंडार है। इस शोध में महाभारत में वर्णित जैविक सिद्धांतों, चिकित्सा विज्ञान, और प्राकृतिक घटनाओं का विश्लेषण किया गया है। पारिस्थितिकी तंत्र की समझ भी महाभारत में स्पष्ट है। वन पर्व में विभिन्न वनों का वर्णन, जीव-जंतुओं के व्यवहार, और प्राकृतिक संतुलन के सिद्धांत मिलते हैं। नल-दमयंती की कथा में पशु-पक्षियों की बुद्धिमत्ता का वर्णन है। महाभारत में वर्णित सूक्ष्म जीवों की अवधारणा, रक्त संचार प्रणाली, और शरीर की आंतरिक संरचना की जानकारी आधुनिक जीव विज्ञान से मेल खाती है। भीष्म की इच्छामृत्यु न्यूरो-साइंस के सिद्धांतों को दर्शाती है। यह दर्शाता है कि भारतीय ज्ञानपरम्परा में जीव विज्ञान की गहरी समझ थी, जो आज भी प्रासंगिक है।
मुख्य शब्द-  महाभारत, जीव विज्ञान, आनुवंशिकता, प्राचीन भारतीय विज्ञान, आयुर्वेद, प्रजनन विज्ञान, पारिस्थितिकी।

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प्रकाशित

2025-03-05