भारतीय ज्ञान प्रणाली का विश्लेषण

Authors

  • Dr. Shailesh Kumar Yadav सहायक आचार्य, शिक्षाशास्त्र विभाग, ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज, प्रयागराज Author
  • Amreen Shamshul शोधार्थी, शिक्षाशास्त्र विभाग, ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज, प्रयागराज Author

Keywords:

भारतीय ज्ञान प्रणाली, कौशल आधारित कार्यक्रम, वैदिक साहित्य, उपनिषद

Abstract

भारतीय ज्ञान प्रणाली का उद्देश्य समकालीन सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए अनुसंधान को सक्रिय रूप से समर्थन देना और उसे आगे बढ़ाना है । यह प्रणाली वैदिक साहित्य, जैसे वेद और उपनिषद, की समृद्ध परंपरा में निहित है, और इसे डिजिटल लर्निंग प्लेटफार्मों में एकीकृत करने की दिशा में काम किया जा रहा है । भारतीय ज्ञान प्रणाली पाठ्यक्रमों पर कक्षा में शिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए, शिक्षकों के प्रशिक्षण और उन्मुखीकरण के लिए विशेष मॉड्यूल तैयार किए जा रहे हैं । इसके तहत, विशिष्ट भारतीय ज्ञान प्रणालियों के विषयों पर केंद्रित शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे । भारतीय ज्ञान प्रणाली में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए ग्रैंड नेशनल चैलेंज, राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं और हैकाथॉन जैसी पहलें शुरू की जाएंगी, और अग्रणी विचारों के लिए प्रोत्साहन प्रदान किए जाएंगे । भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (ICHR) जैसे संस्थानों के माध्यम से वैश्विक संस्थानों के साथ सहयोग किया जाएगा, ताकि भारत-केंद्रित शोध को प्रोत्साहन मिल सके । उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) में भारतीय ज्ञान प्रणाली की स्थापना के लिए प्रारंभिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी । भारतीय ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा देने और लोगों तक पहुंचाने के लिए विविध तरीकों का उपयोग किया जाएगा । जन भागीदारी कार्यक्रमों के माध्यम से जनता की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा । युवाओं के लिए कौशल-आधारित कार्यक्रमों के माध्यम से रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे । भारतीय ज्ञान प्रणाली पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित करने और उसे वैश्विक स्तर पर प्रसारित करने के लिए तकनीकी साधनों का उपयोग करेगा । इसका मुख्य उद्देश्य विश्व पर्यटन का 10 प्रतिशत हिस्सा हासिल  करना है, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के व्यापक अवसर उत्पन्न होंगे ।

Downloads

Published

2024-11-30

How to Cite

भारतीय ज्ञान प्रणाली का विश्लेषण. (2024). Naveen International Journal of Multidisciplinary Sciences (NIJMS), 1(2), 10-14. https://nijms.com/index.php/nijms/article/view/8